नई दिल्ली: महज 22 साल की उम्र और ख्वाब बेहद ऊंचे। 12वीं पास जसकरण सिंह उर्फ राजन का मन पढ़ाई में तो नहीं था लेकिन उसे जल्द से जल्द अमीर बनने की ख्वाहिश थी। हर वक्त उसके दिमाग में बस यही चलता रहता कि बिना कुछ किए, किसी तरीके से उसके पास ढेर सारी दौलत आ जाए। और इसी बीच पबजी गेम खेलते हुए यहां उसकी बातचीत अजीत नाम के एक दूसरे लड़के से होने लगी। एक दिन अजीत ने राजन को बताया कि नकली नोट छापना बहुत आसान है। बस थोड़ा सा दिमाग लगाना पड़ेगा और इसके बाद ऐश ही ऐश। राजन को उसका आइडिया जम गया और अगले ही दिन उसने नकली नोटों की जानकारी के लिए इंटरनेट खंगालना शुरू कर दिया।
यूट्यूब और कुछ दूसरे प्लेटफॉर्म पर मौजूद वीडियो से जब उसे, उसके काम की जानकारी मिल गई तो राजन ने अगले ही दिन फ्लिपकार्ट से एक कलर प्रिंटर मंगा लिया। अब जरूरत थी नोट छापने के लिए पेपर की। थोड़ी मशक्कत के बाद उसे लुधियाना में एक खास जीएसएम वाला ए4 साइज का पेपर मिल गया। बस फिर क्या था, राजन ने घर पर ही नकली नोट छापने शुरू कर दिए। इन नकली नोटों में सिक्योरिटी थ्रेड जोड़ने के लिए उसने हिट एंड ट्रायल मेथड का इस्तेमाल किया। उसने पहले 100, फिर 200 और इसके बाद 500 के नकली नोट छाप लिए।
नकली नोटों के साथ ऐश में कटने लगी जिंदगी
इन नकली नोटों के जरिए राजन की जिंदगी ऐश के साथ कटने लगी, लेकिन एक भूल उसके ऊपर भारी पड़ गई। इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, अपने घर पर छापे गए नकली नोटों को शुरुआत में राजन खाने-पीने के ठेलों, बर्गर स्टोर और दूसरी छोटी-मोटी दुकानों पर चलाता था। यहां उसके ये नकली नोट पकड़े नहीं जाते थे और वो जमकर मजे कर रहा था। लेकिन इसी बीच उसने सोचा कि क्यों ना अब बड़ा हाथ मारा जाए और इसके लिए उसने आकाशदीप सिंह नाम के एक दोस्त को अपने प्लान में शामिल किया। राजन ने उसे 500 रुपए के नोटों में 50 हजार रुपए की रकम दी।