नीमच कृषि उपज मंडी में सुचारू और सुरक्षित व्यस्थाओं का दावा करने वाले प्रशासन के सामने एक बार आढ़तियों की खुली चुनोती सामने है…मंडी के आदतन आढ़तियों का सक्रिय गिरोह पुनः अपने कारनामों को अंजाम देने पर आमादा हो चुका है, और प्रतिबंधित आढ़त प्रथा का अवैध रूप से संचालन जिम्मेदारों की नाक के नीचे कर रहा है, मंडी प्रशासन की नाक में दम और किसानों का शोषण करने वाले अवैध आढ़त के सरगनाओं की यह बेखोफी बताती है, की प्रतिबंधित अवैध आढ़त के खिलाफ मंडी प्रशासन का रवैया कितना सख्त है, और अपने कर्तव्य के प्रति फील्ड अफसर की कितनी सजगता है…?मंडी के लहसुन प्रांगण में आधा दर्जन से अधिक आढ़तियों का “दास” बना जिम्मेदार अफसर इस कुप्रथा के प्रति खुली सहमति जताते हुए, हफ्ता वसूली के प्रति अधिक गंभीर और सजग है…लिहाजा लहसुन मंडी में आढ़त के उस्तादों को ख़ौफ़ यहाँ किसी का नही है…? शिकायतों के आधार पर मंडी प्रशासन की औपचारिक कार्यवाही का शिकार हो चुके महावीर जैन “जीएम ट्रेडर्स” जैसे कुछ आढ़तियों की रफ्तार भी अवैध कारनामों को अंजाम देने में तेज हो चुकी है…वहीं आढ़तियों की इस गैंग में अशोक मेहता, भूरा मोहन, अनिल निहाल, और गायत्री ट्रेडर्स का नाम भी आढ़त के दिग्गज सरगनाओं में माना जाता है, जो जिम्मेदारों की सरपरस्ती में अवैध आढ़त का खेल बेखोफी के साथ खेल रहे है…?