नीमच  नगर में रविवार को पूजा-अर्चना के साथ नगर भ्रमण कर कुंवारों के देवता बिल्लम बावजी को विराजमान कराया गया है। नगर के बिल्लम बावजी कुंवारों की शादियां करवाते है। इसके लिए दूर-दूर से लोग पहुंचते है। पुरानी धानमंडी जावद में कुंवारों के देवता बिल्लम बावजी की चल मूर्ति विराजित है। ऐसा माना जाता है कि रंगपंचमी से रंगतेरस तक इनके दर्शन एवं पूजा करने से कुंवारों की मनोकामना पूर्ण होती है। रविवार को नगर में कुंवारों के देवता बिल्लम बावजी विराजित हुए हैं। ढोल-ढमाकों और विधि-विधान के साथ हुई बिल्लम बावजी की स्थापना के साथ ही कुंवारों द्वारा पूजा-अर्चना करना शुरू कर दिया गया है। स्थापना के नौ दिन बाद इस मूर्ति को पुनः मंदिर में स्थापित कर दिया जाता है। इन नौ दिनों में कुंवारे युवक-युवतियों द्वारा पूजा-अर्चना कर शादी होने की मन्नत मांगी जाती है।