नीमच। मंदसौर जिले में पदस्थ रहे ठगी की वारदातों में लिप्त आरक्षक ने नीमच में कियोस्क संचालक को चूना लगा दिया था। जिसकी शिकायत कैंट थाने पहुंची, तो पुलिस ने भी मामला दर्ज किया, और अब जानकारी आ रही है कि, नीमच जिला पुलिस कप्तान अंकित जायसवाल के निर्देशन में कैंट पुलिस की टीम ने लोगों के ठगी करने वाले आरक्षक को हिरासत में भी ले लिया है।  बताया जा रहा है कि, मंदसौर जिला पुलिस में पदस्थ आरक्षक नरेंद्र बिलवाल आये दिन लोगों को बहला फुसलाकर ठगी की वारदातों को अंजाम दे रहा था। पिछले दिनों उसकी ठगी का शिकार हुए फरियादी की शिकायत की जांच के बाद मंदसौर एसपी ने आरक्षक को निलंबित कर दिया था। निलंबन के बाद भी आरोपी अपनी हरकतों से बाज नहीं आया, और लगातार भोलेभाले लोगों से ठगी करता रहा।  इसी के चलते आरक्षक मंदसौर के बाद नीमच पहुंचा, और यहां एक ऑनलाइन कियोस्क संचालक से ठगी की। कियोस्क संचालक को उसने पुलिस आरक्षक की पहचान बताकर झांसे में लिया और 9 हजार रुपये अपने खाते में ट्रांसफर करवा लिए, फिर वहां से रफूचक्कर हो गया। आरक्षक की यह करतूत सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई। जिसके बाद ठगी का शिकार हुए कियोस्क संचालक युवक ने एसपी को आवेदन दिया। जिसकी पुष्टि होने के बाद पुलिस ने आरोपी आरक्षक के खिलाफ ठगी का मामला दर्ज किया।

क्या आरोपी की गिरेबान तक पहुंचे कैंट पुलिस के हाथ…!

पुलिस सुत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, प्रकरण दर्ज करने के बाद कियोस्क संचालक से ठगी करने वाले फरार आरक्षक नरेन्द्र सिंह बिललवाल को कैंट पुलिस ने हिरासत में ले लिया है। कैंट थाना प्रभारी पुष्पा सिंह चैहान और उनकी स्पेशल टीम ने इस फरार आरक्षक को रतलाम क्षेत्र से पकड़ा है। सुत्रों की माने, तो नीमच में ठगी करने के बाद ये आरक्षक रतलाम के नामली थाना क्षेत्र में ठगी करने के प्रयास में लगा हुआ था। तभी कैंट पुलिस ने उसे दबौच लिया। हालांकि, आरक्षक को हिरासत में लेने की जानकारी हम तक भी सुत्रों के हवाले से पहुंची है। फिलहाल इस मामले में आरक्षक को हिरासत में लेने की अधिकारिक पुष्टि होना बाकी है। सभवतः माना जा रहा है कि, पुलिस इसका जल्द ही खुलासा कर सकती है।