नीमच । मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह एवम कांग्रेस पार्टी के चाणक्य नीति अपनाने वाले हमेशा सुर्खियों में रहने वाले मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह आज नीमच में एक निजी मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल के उद्घाटन समारोह में बतौर अतिथि शिरकत करने आये थे. इसी मंच पर राजस्थान सरकार के कैबिनेट मंत्री उदयलाल आंजना, नीमच- मंदसौर क्षेत्र के भाजपा सांसद सुधीर गुप्ता, भाजपा विधायक दिलीप सिंह परिहार भी अतिथि के रूप में मौजूद थे.वहीं सबसे पहले राष्ट्र संत कमलमुनि कमलेश ने अपने आशीर्वचन में गौ-सेवा का जिक्र करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह की प्रशंसा की. लेकिन जब सांसद गुप्ता और विधायक परिहार की बारी आई तो उन्होंने अपने-अपने तरीके से कांग्रेस पर कटाक्ष किये और सनातन धर्म संस्कृति का हवाला भी देते रहे.कुरान ने गौ-हत्या नहीं करने को कहा इन सबके बाद जब दिग्विजयसिंह का भाषण हुआ तो उन्होंने गाय के दूध, मांस और गोहत्या पर अलग ही बात कह दी. उन्होंने कहा कि गौ-सेवा अनादिकाल से हमारी संस्कृति का हिस्सा है. यह गलत धारणा है कि गौ-हत्या मुसलमान करते हैं. इसके लिए दिग्विजय सिंह ने बाकायदा कुरान और हदीस का हवाला दिया और कहा कि इन ग्रंथों में लिखा है कि दूध में गाय का दूध सबसे सेहतमंद है. कुरान में यह भी लिखा है कि गौ हत्या नहीं होना चाहिए. उन्होंने भाजपा नेताओं की तरफ इशारा करते हुए कहा कि लेकिन आप नहीं मानेंगे. क्योंकि विचारधारा अलग है. दिग्विजय सिंह यहीं नहीं रुके. वे बोले कि ईसा मसीह ने भी यही कहा है कि तू किसी को मत मार. तू वसुधैव कुटुम्बकम की बात करते हैं तो उसका पालन भी होना चाहिए. भाषण में कई बार दिग्विजय सिंह ने राम, तुलसी के दोहे, सनातन धर्म की बातें कर चुटकियां भी ली और कटाक्ष भी किये.

गाय हिंदू-मुस्लिम पर गई क्यों

इधर भाजपा के सांसद सुधीर गुप्ता से जब दिग्विजय सिंह के बयान को लेकर चर्चा की गई तो उनका कहना था वे प्रदेश के मुखिया रहे हैं. किसी भी विषय पर बोल सकते हैं. हम तो कहते हैं यह बहुत अच्छा है, लेकिन गौ-हत्या को लेकर हमने तो कभी ऐसा नहीं कहा, ये पता नहीं क्यों आजादी के बाद से ही इन्होंने अपना नैरेटिव फिक्स किया. गाय हिन्दू या मुसलमान की क्यों हो गई?