नीमच। मनासा के बद्रीविशाल मंदिर की जमीनों को भू माफिया के द्वारा बेच दिया गया है। अब प्रशासन अपने अधिपत्य में नहीं ले पा रहा है। कई जमीनों पर कॉलोनी काटकर जमीनों पर प्लाट काट दिए गए जिन्हें बेचने का खेल भी चल रहा है। प्रशासन नगर नायक बद्रीविशाल मंदिर की संपत्तियों को अधिपत्य में ले रहा हैं। प्रशासन सिर्फ उन संपत्तियों को अधिपत्य में ले रहा है जिनको भू-माफियों द्वारा खुर्द-बुर्द नहीं किया गये। जबकि जिन संपत्तियों को भूमाफियाओं ने खुर्द-बुर्द कर दिया उनका जिक्र प्रशासन ने नहीं किया। जिसको लेकर नगर की जनता में रोष देखा जा रहा हैं। प्रशासन सिर्फ उन संपत्तियों को अधिपत्य में ले रहा है जो पहले से ही प्रशासन के पास है। जबकि वे कृषि भूमिया एवं मंदिर के पीछे स्थित मकान जो बिक चुके उनको लेकर कोई कार्रवाई नहीं कर रहा।मंदिर व पोथी के नाम पर दर्ज संपतिया नगर का बद्रीविशाल मंदिर एक मात्र ऐसा मंदिर है जिस पर अलग अलग संपत्तियां दर्ज हैं। इसमें भगवान श्रीजी के नाम पर दर्ज संपतिया व श्रीजी को कथा सुनाने के लिए दान की गई संपतिया शामिल हैं। दोनों संपतिया बद्रीविशाल मंदिर की ही है, लेकिन अलग अलग व्यवस्था होने के कारण उपयोग अलग अलग हो रहा हैं। इसमें मनासा नगर सहित सारसी, रातीतलाई, फोफलिया, ढढेरी आदि गांवों में करोड़ों की बेशकीमती संपत्तियां हैं। भगवान के नाम दर्ज संपतियों में मंदिर के नीचे स्थित करीब 15 दूकाने, रामपुरा नाका स्थित सर्वे नंबर 479, 480, 481 रकबा 0.995 हैक्टेयर पर बनी दूकानें व प्रस्तावित नवीन बस स्टेंड वाली भूमि, पुलिस थाने के पिछे स्थित सर्वे नंबर 682, 683, 684 रकबा 1311 हैक्टेयर की कृषि भूमि, भाटखेडी बायपास स्थित सर्वे नंबर 130, 131 रकबा 1.088 हैक्टेयर कृषि भूमि जो वर्तमान में चौखडा जी के पास हैं। वहीं श्रीजी को कथा सुनाने के लिए मेवाड राजवंश के राजाओं ने दान में दी संपतियों में भाटखेडी बायपास स्थित सर्वे नंबर 94, 95, 96, 97, 99, 100, 132 रकबा 3.189 हैक्टेयर कृषि भूमि जहा पर वर्तमान में निर्माणाधीन खाटू श्याम कालोनी, मौजा सारसी मनासा-मंदसोर मुख्य रोड स्थित सर्वे नंबर 178, 191, 192, 344 रकबा 5.577 हैक्टेयर कृषि भूमि, मौजा राती तलाई सर्वे नंबर 3, 91, 92, रकबा 6.572 हैक्टेयर कृषि भूमि, मौजा फोफलिया सर्वे नंबर 332, 333 कृषि भुमि व मौजा ढ़ढेरी में सर्वे नंबर 291, 392, 393 पर कृषि भूमि स्थित हैं

हो चुका नामांतरण
प्रशासन नगर नारायण बद्रीविशाल मंदिर की संपत्तियों को अधिपत्य में लेने की बात कर रहा हैं। संपतियों को अधिपत्य में लेने के लिए पटवारीयों की अलग अलग टीमें बनाई गई। लेकिन राजस्व महाभियान के कारण संपतिया अधिपत्य में लेने की कार्रवाई प्रशासन नहीं कर पाया। दूसरी ओर नगर में स्थित जिन संपत्तियां को अधिपत्य में लेने की बात प्रशासन कर रहा हे उनमें से एक दूकान का नामांतरण हो चुका हैं।
जानकारी के मुताबिक मंदिर के नीचे स्थित दूकान का नामांतरण वर्ष 2018 में तत्कालीन तहसीलदार केसी तिवारी ने नगर के कुछ दलालों के साथ मिलकर कूट रचना के साथ कर दिया। जिसको खारिज करने की बात प्रशासन द्वारा कही जा रही।

-पहले 12 लाख फिर 16 व 17 लाख में हुआ नामांतरण

बद्रीविशाल मंदिर के नीचे स्थित दूकान का नामांतरण तत्कालीन तहसीलदार केसी तिवारी द्वारा दलालों से मिल कूट रचना के साथ किया गया था। उल्लेखनीय हो कि तत्कालीन एसडीएम मनीष जैन ने मंदिर के नाम पर दर्ज खाते को सीज कर लेन-देन पर रोक लगा दी थी। एसडीएम द्वारा खातों को सीज करने के बाद खातों में लेने देने नहीं हो रहा था। इधर दूकान के नामांतरण में आ रही समस्या के बाद तहसीलदार ने पद का दूरपयोग करते हुए कूट रचना कर बैंक में नया खाता खुलवाया। खाता खुलवाने के बाद तत्कालीन तहसीलदार ने नगर के प्रतिष्ठित परिवार के प्रापर्टी दलालों की मदद से मंदिर के नीचे स्थित एक दूकान का वर्ष 2018 में पहले 12 लाख रूपए में नामांतरण किया। धीरे धीरे दूकान को एक व्यापारी से दूसरे व्यापारी पर पहुंचते पहुंचते 16 लाख फिर 17 लाख रूपए में नामांतरण किया गया। उक्त खाते में मात्र एक लाख रूपए जमा कर शेष राशि का दलालों के माध्यम से कूट रचना की गई । अब जब प्रशासन नगर की समस्त संपत्तियों को अधिपत्य में लेने की बात कर रहा है तो क्या प्रशासन पुर्व तहसीलदार द्वारा नामांतरण की गई दूकान को भी अधिपत्य में लेगा या फिर दूकान दार उक्त दूकान पर अपना मालिकी हक जताते हुए दलालों के खिलाफ कार्रवाई करेगा?।

-मंदसोर रोड की जमीन पर विक्रय होने लगे भूखंड

एक ओर जहां प्रशासन मंदिर के नाम पर दर्ज समस्त संपत्तियों को अधिपत्य में लेने की बात कर रहा है। वहीं दूसरी ओर मंदसोर रोड स्थित मंदिर के नाम पोथी की जमीन जहां पर करीब 11 माह पुर्व प्रसिद्ध कथा प्रवक्ता जया किशोरी द्वारा नानीबाई का मायरा कथा वाचन किया गया था। उक्त पोथी की जमीन पर भी भू-माफियों द्वारा भूखंडों की बिक्री होने लगी। सारसी हल्के के सर्वे नंबर 178, 191, 192, 344 रकबा 5.577 जिसको भूमाफियाओं ने खुर्द-बुर्द करना प्रारंभ कर दिया।

-मंदिर की संपतियों को नहीं खरीदी उपभोक्ता

मनासा नगर में मंदिरों की जमीनों की जमकर बंदर बाट चल रही हैं। भूमाफिया येन केन प्रकार से सस्ते दामों में मंदिरों की जमीन खरीद उपभोक्ता को बेच रहे हैं। कुछ जमीनों के तो न्यायालय में प्रकरण भी प्रचलित थे, कुछ के होने वाले हैं‌। ऐसे में भविष्य में इन जमीनों का फेसले मंदिर व प्रशासन के पक्ष में ही आने वाले हैं। प्रापर्टी दलाल या भूमाफिया उपभोक्ता को बड़े बड़े सपने बताकर मंदिरों की जमीनों पर सस्ते दामों में भूखंड विक्रय कर देते हैं। भविष्य में परेशान उपभोक्ता को होना पड़ता हैं। इसका सीधा सा उदाहरण जिस प्रकार बद्रीविशाल मंदिर के नीचे की दूकान का नामांतरण नगर के प्रतिष्ठित परिवार के लोगों ने वर्ष 2018 में करवाया। वहीं अब प्रशासन ने मंदिर की समस्त संपत्तियों को अधिपत्य में लेने का निर्णय लिया। जिसमें उक्त दूकान को भी प्रशासन द्वारा अधिपत्य में लिया जाएगा। ऐसे में दूकान दार को परेशानियों का सामना करना पड़ेगा। ऐसे ही मंदिर के नाम व पोथी के नाम की जमीनों को उपभोक्ता खरीदने से बचें।

-इनका कहना
मंदिर की किसी भी दूकान का नामांतरण किया गया है तो वो गलत है। दूकान का नामांतरण तो कोई कर ही नहीं सकता। यदि किसी दूकान का नामांतरण हुआ है तो उसको खारिज कर अधिपत्य में लिया जाएगा।
बीके मकवाना -तहसीलदार मनासा