ज्ञानोदय मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल का हुआ शुभारंभ : शिक्षा के साथ चिकित्सा के क्षेत्र में ज्ञानोदय के बढ़ते कदम अनुपम सौगात-दिग्गी राजा, श्रद्धा से धर्म को जोड़ने से विश्वकल्याण संभव -कमल मुनि कमलेश जी

नीमच। समाज के लिए शिक्षा एवं स्वास्थ्य अत्यंत आवश्यक है। ज्ञानोदय संस्थान के माध्यम से अनिल चौरसिया एवं डॉ.माधुरी चौरसिया ने इस क्षेत्र को अनुपम सौगात दी है। यह ज्ञानोदय संस्थान पीड़ित मानवता के लिए अस्पताल के माध्यम से श्रेष्ठ चिकित्सा प्रदान करेंगे। उक्त उदगार मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह दिग्गी राजा ने ज्ञानोदय शिक्षण समिति द्वारा संचालित ज्ञानोदय मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल के शुभारंभ अवसर पर व्यक्त किए।दिग्विजय सिंह ने कहा कि भारत में हजारों वर्षों से योग क्रिया चल रही है। इस अस्पताल में योग और वैलनेस सेंटर भी स्थापित करें। पीड़ित व्यक्ति चाहे किसी भी धर्म से जुड़ा हो, वसुदेव कुटुंबकम की भावना रखते हुए हमें सेवा कार्य में लगातार आगे बढ़ना है, इस लक्ष्य को ध्यान में रखें।
राष्ट्रसंत श्री कमल मुनि कमलेशजी ने आशीर्वाद प्रदान करते हुए कहा कि हमें श्रद्धा और धर्म के साथ समाज को जोड़ना चाहिए। उपेक्षा करने वालों से प्यार की आवश्यकता है। बीमारी का इलाज हो सकता है पर विचारों का नहीं। विलासी जीवन हमेशा दुखदाई होता है, ऐसे में नशा मुक्ति एवं पर्यावरण संरक्षण के साथ-साथ हमारी दिनचर्या को सुधारने की आवश्यकता है। लोकसभा क्षेत्र के लोकप्रिय सांसद सुधीर गुप्ता ने कहा कि ज्ञानोदय संस्थान ने चिकित्सा एवं स्वास्थ्य के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य किया है । देश बदला है, इसके साथ उमंग जगी है। इस अस्पताल में जो भी आएगा वह पांच लाख का बीमा लेकर आएगा। आज भारत दुनिया का नेतृत्व कर रहा है। विचारधारा प्राणवान होना चाहिए। सब अपने अपने राम को खोजें एवं मानवता की सेवा करें। यह अस्पताल बीमारों के लिए वरदान साबित होगा।राजस्थान सरकार के कैबिनेट मंत्री उदयलाल आंजना ने कहा कि राष्ट्रहित एवं समाज हित में किया हुआ कार्य स्थायी होता है। राजनीति और व्यवसाय दोनों अलग हैं। इस अस्पताल में राजनीति से परे होकर सबका इलाज होगा। उन्होंने कहा कि अनिल चौरसिया ध्यान रखना, कोई गरीब पैसे के अभाव में इलाज से वंचित ना हो।  क्षेत्रीय विधायक दिलीप सिंह परिहार ने कहा कि ज्ञान के साथ-साथ चिकित्सा की ओर बढ़ते कदम, हमारे क्षेत्र के लिए यादगार उपलब्धि हैं। नीमच के इतिहास में इतना बड़ा हॉस्पिटल बनना  और बीमारों के लिए नीमच में ही ऐसी सुविधा मिलना, बहुत बड़ी उपलब्धि है। सरकार ने गरीबों के लिए दीनदयाल योजना चलाई है, इस अस्पताल में गरीबों को सही इलाज मिले ऐसी अपेक्षा करता हूं।  स्वागत भाषण देते हुए संस्थान के चेयरमैन अनिल चौरसिया ने कहा कि ज्ञानोदय संस्थान में प्रारंभ से ही जैन मुनियों के कदम पड़ते रहे हैं। आचार्य महाप्रज्ञ से लेकर कमलमुनि कमलेशजी का आशीर्वाद मिलता रहा है। आज ज्ञानोदय में 14 संस्थान चल रहे हैं। 150 बिस्तरों का यह अस्पताल क्षेत्रवासियों को बेहतर चिकित्सा सुविधा प्रदान करेगा
ज्ञानोदय शिक्षण समिति की डायरेक्टर डॉ. माधुरी चौरसिया ने ज्ञानोदय संस्थान का प्रगति पत्रक पढ़ते हुए कहा कि ज्ञानोदय संस्थान सेवा भावना से समाज में कार्य कर रहा है। ज्ञानोदय ग्रुप राजा साहब दिग्विजय सिंह के आशीर्वाद से विशाल वटवृक्ष  के रूप में शिक्षा के क्षेत्र में कार्यरत है। साथ ही अब चिकित्सा क्षेत्र में भी इस संस्थान ने प्रवेश किया है। 150 बेडेड अस्पताल का भव्य शुभारंभ करके आपने हमें आशीर्वाद प्रदान किया। यह अस्पताल निरंतर सेवा भावना से कार्य करता रहेगा।  धार के पूर्व नगरपालिका अध्यक्ष मुजीब कुरैशी ने इस अवसर पर शुभकामनाएं प्रदान करते हुए कहा कि यह अस्पताल इस अंचल का सर्वश्रेष्ठ अस्पताल साबित होगा। हर पीड़ित व्यक्ति को यहाँ अच्छा इलाज मिलेगा, यह कामना की जाती है। इस अवसर पर ग्रुप डायरेक्टर डॉ. प्रशांत शर्मा के मार्गदर्शन में ज्ञानोदय पत्रिका फ्रंटलाइन का भी विमोचन किया गया। ज्ञानोदय संस्थान के प्रबंध निदेशक अभिनव चौरसिया एवं डॉ.गरिमा चौरसिया ने अतिथियों का शाल, श्रीफल एवं पुष्पाहार से स्वागत किया।  कार्यक्रम में पूर्व मंत्री मध्यप्रदेश शासन नरेंद्र नाहटा, पूर्व विधायक नंदकिशोर पटेल, पूर्व मंत्री सुभाष सोजतिया, नगर पालिका अध्यक्ष स्वाति गौरव चौपड़ा, पूर्व विधायक नवकृष्ण पाटिल, वरिष्ठ नेता संतोष चैपड़ा, पूर्व नगरपालिका अध्यक्ष राकेश पप्पू जैन, वरिष्ठ नेता राजकुमार अहीर, वरिष्ठ नेता सत्यनारायण पाटीदार, जिला पंचायत सदस्य तरुण बाहेती, उद्योगपति एवं समाजसेवी डीएस चौरड़िया, समाजसेवी राकेश अरोरा, गीतांजलि हॉस्पिटल के सीईओ प्रतीम तम्बोली, डॉ. अशोक जैन, ब्रिज किशोर शर्मा, समाजसेवी, पूर्व विधायक धार गजेंद्र सिंह राजूखेड़ी, कलीम मोही, उमरावसिंह गुर्जर आदि उपस्थित थे | कार्यक्रम का संचालन प्रो. पंकज श्रीवास्तव एवं प्रो. पंकज तिवारी ने किया। अंत में आभार बालकवि बैरागी महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. सुरेंद्र शक्तावत ने माना।