नीमच। भाजपा नेता संतोष चोपड़ा जो नीमच नगर पालिका की  प्रथम नागरिक नगरपालिका अध्यक्ष स्वाति चौपडा के ससुर है। वे उनके चेहरे पर खुश नजर आ रही होगी!  पिछले कुछ माह से नगर पालिका को लेकर जो तनाव था वो अब एक साल आगे बढ गया है।  ! याने अब तख्तापलट की संभावनाओ पर विराम लग गया है !अभी नगर पालिका का जो कानून है उसके मुताबिक ढाई साल बाद अविश्वास प्रस्ताव लाया जा सकता है ! दो साल हो गये है और छ महिने बाद अविश्वास प्रस्ताव लाने का ताना बाना बुन लिया गया था ! कांग्रेस के और भाजपा के पच्चीस से अधिक पार्षद लामबंद हो गये थे ! परिषद की पिछली बैठक भी बडी मुश्किल से हाथा जोडी करके आहुत हो पाई थी ! तभी संकेत मिल गये थे कि कौन कहां है और कौन किधर है ! साफ दिखने लगा था कि संतोष जी पर संकट के बादल मंडरा गए थे ! कांग्रेस के जिलाध्यक्ष ने तो हालातो को देखकर तख्तापलट का भी ऐलान कर दिया था ! तब शायद कांग्रेस के अध्यक्षजी के दिमाग मे बंगलादेश का तख्तापलट गूंज रहा होगा! तभी उन्होने उसे नीमच नगर पालिका से जोड दिया ! जो भी हो, राजनीति मे सब संभव है ! तख्तापलट भी होता है और उस अभियान को पलिता लगाने का काम भी होता है! भाग्यवान है संतोषजी और उनकी पुत्र वधु स्वाति चौपडा जिसे बगैर कुछ करे धरे ही तख्ता पलट के तनाव से मुक्ति मिल गई ! ये सबकुछ राज्य सरकार के एक फैसले से होता नजर आ रहा है ! सरकार ने तय किया है कि अब नगरपालिकाओ मे तीन साल से पहले अविश्वास प्रस्ताव नही लाया जा सकेगा ! हो गई ना क्रपा ! सरकार का एक फैसला उन्हे अगले एक साल के लिये राहत दे गया ! अब जो होना है एक साल के बाद होगा ! यहां भी फिर एक पेंच फंसने की संभावना है उससे भी संतोषजी को बड़ी राहत मिलेगी ! बताते है, सरकार की ये मंशा भी है कि तीन साल बाद अविश्वास लाने वाले 75 प्रतिशत पार्षद याने नीमच के हिसाब से तीस पार्षद अविश्वास लाएगें तभी उसे मंजूरी मिलेगी ! अभी ये 66 प्रतिशत है जिसे बढाकर 75 प्रतिशत किये जाने का प्रस्ताव अभी विचाराधीन है ! एक साल की राहत मिल जाने के बाद अब शहर के लोग संतोषजी से और स्वाति से ये उम्मीद जता रहे है कि वे शहर के हित मे भी फैसले ले सकेगें ! उनका तनाव दूर हुआ है तो वे ये सब करेगे ये ही लोगो की सोच दिख रही है !